खफा कदम
Updated: Aug 13, 2021

कदम है खफा खफा
ख़फा ख़फा सांस है
रुक गई है धड़कने
पर जीने की आस है
जो आज है वह कल नहीं था
जो कल नहीं था वह आज है
ज़िंदगी तो जी लिए
कैसे जिए राज़ है
कदम है ख़फा ख़फा
ख़फा ख़फा सांस है
तन्हाइयों में जी गए
अपने गम को पी गए
तब तन्हाइयां दूर थी
अब तन्हाइयां पास हैं
कदम है ख़फा ख़फा
खफा ख़फा सास है
गम कुछ ऐसे आ गया
मेरी जिंन्दगी पर छा गया
गम ही दिल का साज था
गम ही दिल की आवाज है
कदम है ख़फा ख़फा
ख़फा ख़फा सांस है
जिंदगी तो जी लिए
कैसे जिए राज़ है