ताजमहल
Updated: Jul 22, 2021

तू मेरे दिल में बसी है किसी ग़ज़ल की तरह
खिली है तेरी हंसी किसी कंवल की तरह
तुम मेरे दिल के पास आकर तो देखो
लोग याद रखेंगे तुम्हें ताजमहल की तरह
सुबह से शाम तेरी याद में डूबा सा में रहता हूं
अब तलक नहीं कहा पर आज मैं कहता हूं
तेरा चेहरा दिल में बसा है हंसी महल की तरह
तू मेरे दिल में बसी है किसी ग़ज़ल की तरह
तेरी नजर हमेशा मुझसे कुछ कहती है
तू मान या ना मान तू मेरे दिल में रहती है
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तेरा चेहरा याद रखता हूं मैं आठों पहर की तरह
तू मेरे दिल में बसी है किसी ग़जल की तरह